बुद्धिमान सियार – हिंदी स्टोरी

बुद्धिमान सियार – अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कैसे करना है यह आपको इस कहानी से पता चलेगा (Buddhiman Siyar Story in Hindi)

बुद्धिमान सियार कहानी

एक जंगल था. जंगल में एक शेर रहता था. एक दिन शेर के पैरों में चोट लग गई. लगी हुई चोट के कारण शेर शिकार नहीं कर पा रहा था. हर कोई कहता है कि, शेर मरा हुए प्राणी का मांस नहीं खाता. लेकिन इस चोटिल शहर के पास इसके अलावा कोई और चारा नहीं था.

शेर घायल प्राणी तथा मरे हुए प्राणी की शिकार करने के लिए जंगल में भटक रहा था. जंगल में घूमते वक्त वह एक पहाड़ी की तरफ पहुंच गया. पहाड़ी के बीचो बीच एक गुफा थी, जो बहुत ही अंदर फैली हुई थी. गुफा के अंदर कोई रहता होगा ऐसा शेर को लगा. वह चुपके से उस गुफा में छुप गया.

सचमुच उस गुफा में एक सियार रहता था. शाम गुजरने के बाद वह सियार गुफा की ओर आ पहुंचा. उसने देखा की गुफा के बाहर किसी बड़े प्राणी के पैरों के निशान बने हुए हैं. उसको शक हो गया किस गुफा में कोई छुपा बैठा है.

उसने सोचा कोई उसका शिकार करने ही गुफा में बैठा हुआ है. वह गुफा के दरवाजे के पास चला गया. शेर काफी अंदर गुफा में उसके राह देख रहा था. उसने एक तरकीब निकाली और बोला “अरे ओ गुफा क्या मैं अंदर आ सकता हूं”.

बहरूपिया गधा

इस पर अंदर से कोई भी आवाज नहीं आई. सियार ने फिर से पूछा, हर दिन तो मुझसे कहती हो अंदर आ जाओ. आज क्या हुआ तुम्हे मुझे अंदर आने के लिए क्यों नहीं कह रही हो.

सियार ने कहा, मैं आखरी बार पूछ रहा हूं की, क्या मैं सच में गुफा के अंदर आ जाओ नहीं तो मैं पास वाली गुफा में चला जाऊंगा. शेर को ऐसा लगा शायद हर दिन सियार को गुफा अंदर बुलाती है. आज मेरे डर की वजह से वह उसे अंदर नहीं बुला रहे हैं.

शेर ने अपनी आवाज बदल कर बात किए और कहां, सीआरजी आप मुझ पर नाराज ना हो आप गुफा के अंदर आ सकते हो.

दरवाजे पर मौजूद सियार जोर से हंस पड़ा. उसने शेर की आवाज पहचान ली. वह जंगल के भीतर चला गया. अपनी मूर्खता के कारण शेर ने शिकार गवा दिया. दूसरी तरफ अपनी चतुराई के बल पर सियार ने अपनी जान बचा ली.

सीख – बुद्धिमान व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने बुद्धि का प्रमाण देता है. सतर्क व्यक्ति हर मुश्किल स्थिति में हार न मानते हुए मार्ग ढूंढता रहता है.

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