चतुर खरगोश – पंचतंत्र की कहानियां
एक जंगल में एक खूंखार शेर रहता था. शेर इतना मदमस्त और अहंकारी भी था. जब वह शिकार पर निकलता था तो जंगल के सभी प्राणी और पंछी अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भागते थे. शिकार करने के वक्त उसे पता भी नहीं चलता था कि, वह कितने जानवरों का शिकार कर रहा है.
सभी प्राणी और पंछियों में डर था कि ऐसा ही अगर चलता रहा तो एक दिन जंगल के सभी प्राणी और पंछी खत्म हो जाएंगे. ऐसे में सभी प्राणियों ने इकट्ठा होकर एक निर्णय ले लिया कि आने वाले समय में हम शेर के पास जाएंगे और उन से विनती करेंगे कि, वह एक ही दिन इतने सारे प्राणियों की और पंचों की शिकार ना करें.
सभी प्राणी और पंछी एक साथ मिलकर शेर के पास चले गए. उन सभी ने शेर से विनती की वह हर दिन एक शिकार खुद उसकी गुफा तक भेज देंगे. शेर ने भी सोचा कि रोज-रोज की शिकार करने के लिए अपना समय क्यों जाया करें.
उसने भी सभी प्राणी और पंचों ने कही हुई शर्त मान ली. अगले दिन से एक शिकार शेर की गुफा तक जाने लगा. ऐसे में कई दिन बीत गए. एक दिन खरगोश की बारी थी. खरगोश शेर की गुफा की ओर चल रहा था. तभी उसके दिमाग में आया कि अपनी जिंदगी व्यर्थ ना की जाए. शेर के हाथों मरने से अच्छा है कि कुछ तरकीब निकालकर शेर का ही खात्मा कर दें.
उसने जानबूझकर शेर की गुफा तक जाने के लिए समय लगाया. बहुत देर बाद तक शिकार न मिलने के कारण शेर भूख से तड़प रहा था. शेर को तड़पता देखकर खरगोश भी थोड़ा भयभीत हुआ. उसने शेर से कहा माफ करें हुजूर आने में जरा देर हो गई.
इतनासा खरगोश खाकर शेर की भूख कैसे मिटेगी यही सोच कर शेर ही मन ही मन में और भी क्रोधित हो गया. उसने गुस्से से कहा हो तो तुम इतने ही और तुम्हें आने में भी इतना वक्त लग गया किसने भेजा तुम्हें मेरी तरफ.
इस पर खरगोश ने कहा माफ करें हुजूर लेकिन बीच रास्ते में मुझे एक और शेर मिल गया. उसने मुझे कहा की इस जंगल में सबसे बड़ा ताकतवर में ही शेर हूं.
इस पर शेर को और भी गुस्सा आया और उसने पूछा कहा है वह शेर जो मुझे धमकाने की कोशिश कर रहा है. खरगोश ने कहा, उस शेर को मैंने भी जंगल में देखा है.
शेर बोला, मुझे वहां तक लेकर चलो. मैं देखना चाहता हूं कि मुझसे ताकतवर इस जंगल में और कौन है. खरगोश शेर को अपने साथ जंगल में लेकर गया.
जंगल में एक कुआं था. खरगोश कुएं के पास चला गया और शेर को कहा वह ताकतवर शेर इस कुएं के अंदर है. शेर ने भी कुएं में जाकर देखा तो उसे अपने ही परछाई कुएं में दिखाई दी. उसे लगा उससे भी ताकतवर शेर कुए के अंदर है.
वह उसका खात्मा करने के लिए कुएं में कूद गया और मर गया. इस तरह चतुराई से खरगोश ने सभी प्राणी और पंछियों की जान बचाई.
उसने जंगल में जाकर सभी जानवरों को शेर के मरने की कहानी सुनाई. दुश्मन के मर जाने के बाद जो खुशी होती है वही खुशी सभी प्राणी और पंछियों के शेर चेहरे पर दिखाई दी. इसी के साथ साथ सभी ने प्राणी और पंछियों ने खरगोश की तारीफ की.
सीख – दुश्मन चाहे कितना भी बड़ा हो उसे हराना संभव है.
Chatur Khargosh panchatantra ki kahani आपको जरूर पसंद आई होगी.