Essay on Football in Hindi – सभी की प्रसिद्ध और चर्चित खेलों में फुटबॉल एक प्रसिद्ध खेल है. पूरे दुनिया भर के लोग इस खेल को बहुत ही पसंद करते हैं. ज्यादातर यूरोपीयन कंट्रीज इस खेल की दीवानी है. यहां के फुटबॉल क्लब को और प्लेयर्स को मुंह मांगी कीमत देकर खिलाया जाता है. फुटबॉल खेल में स्टेडियम में बैठने पर एक राहत की सास महसूस होती है. लोग अपना तान तनाव अपने दुख दर्द भूल कर फुटबॉल मैच देखने के लिए आते हैं. (Speech on Football Sport)
यह एक रोचक खेल है, जिसमें दो टीमें आपस में भीड़ती है. खेल के नियम आसान लगते हैं, लेकिन उसने आसान नहीं है. खेल खेलना अच्छा लगता है लेकिन इतना आसान नहीं होता. इसके लिए हुनर के साथ-साथ तेजी की भी आवश्यकता होती है. फुटबॉल खेल पर से खेले जाने वाला खेल है जहां पर गेंद को पैर से दूसरे संघ के गोलपोस्ट में मारना पड़ता है. (फुटबॉल पर निबंध, फुटबॉल खेल पर भाषण)
Essay on Football in Hindi – फुटबॉल पर निबंध
सबसे पुराना खेल में से एक फुटबॉल खेल को ग्रीक खेल के रूप में जाना जाता है. दोनों टीमों द्वारा एक गेंद को एक दूसरे के पक्ष के गोल पोस्ट में मारने पर सामने वाले को एक गोल मिलता है. गोल पोस्ट में मारने के लिए प्लेयर के पास तिल के साथ-साथ तेजी की भी होने आवश्यक है.
फुटबॉल का मैदान बहुत ही बड़ा होता है. एक समय ऐसा लगता है कि यह खेल बहुत ही क्रूर और जानलेवा है क्योंकि इस खेल को खेलते हुए झगड़े बहुत होते हैं. अनबन बहुत होती है. गोल करने के चक्कर में दोनों तरफ से प्लेयर एक दूसरे के साथ झगड़े पर उतर आते हैं.
सबसे पहले ही हर खेल इंग्लैंड में प्रचलित हुआ था. स्कूलों में कॉलेजों में यह खेल जबसे खेल ना चालू हुआ तब से यह खेल प्रचलित हो गया. फुटबॉल खिलाड़ी इसको खेल खेलते हुए शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित होने जरूरी है.
खिलाड़ियों को अपने विरोधी टीम के गोल पोस्ट में गेंद मारकर गोल करना होता है. जो टीम ज्यादा गोल करती है वह जीते हुए घोषित की जाती है और सामने वाली टीम पराजित घोषित की जाती है.
कंप्यूटर पर निबंध
हर टीम की तरफ से एक गोलकीपर होता है जो गोल बचाने में अहम किरदार निभाता है. दोनों टीमें में सिर्फ गोलकिपर को पर ही ऐसा होता है जिसे हाथ से गेंद छूने की छूट दी जाती है. गोलकीपर के अलावा और कोई भी हाथ से गेंद छू नहीं सकता सिर्फ पैरों से ही मारना पड़ता है.
मैच मैं सत्यता बचाए रखने के लिए मैच रेफरी मौजूद होते हैं. मैच रेफरी किसी भी निर्णय को देने के लिए सक्षम होते हैं. इन्हीं मैच रेफरी द्वारा खेल के नियमों को पालन करने के लिए और खेल भावना रखने के लिए दोनों टीमों को आवाहन किया जाता है.
रेफरी के अलावा दो और लाइनमैन होते हैं जो हमेशा चेक करते रहते हैं कि कोई प्लेयर आगे तो नहीं निकल गया. अब के समय में यह एक अंतरराष्ट्रीय खेल बन चुका है. अब जगत के सभी लोग इस खेल को पसंद करने लगे हैं. इस खेल की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि यह खेल दुनिया का सबसे बड़ा खेल बन चुका है.
अंतरराष्ट्रीय खेल में वर्ल्ड कप जो के 4 साल में होता है इससे देखने के लिए करोड़ों लोग मौजूद रहते हैं. जो भी संघ वर्ल्ड कप में हिस्सा देता है उसका राष्ट्र उसके सपोर्ट में हमेशा खड़ा दिखाई देता है. देश के सभी बच्चों को फुटबॉल खेलने से उनका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है. देश के सभी बच्चे इस खेल को खेल कर अपने आप को ताकतवर महसूस करते हैं.
ग्लोबलाइजेशन
इस खेल के बहुत फायदे हैं जैसे कि आपकी एकाग्रता रहती है आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है इसके अलावा आप मानसिक रूप से भी मजबूत होते हो. यदि आप पर कौशल है तो आपको यह खेल जरूर खेलना चाहिए. . फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसे हर कोई खेल सकता है आप बच्चे हो बड़े हो या फिर बूढ़े हो आप इसे खेल सकते हो.
. फुटबॉल खेल के फायदे में से एक फायदा यह भी है कि आप अनुशासित रहते हो. मैच के दौरान आप को शांत रहना पड़ता है जिससे आपका मन एकाग्र होकर आप अपने गोल पर निशाना साथ तक सकते हो.
शारीरिक दृष्टि से यह आपके रुदय को मजबूत रखता है शरीर के अंगों को मजबूत बनाने के लिए यह खेल एक असरदार खेल बनकर सामने आता है. जो भी आदमी वजन से ज्यादा है उन्हें यह खेल खेलना जरूर चाहिए इससे परिश्रम भी अच्छा होता है और आप की चर्बी भी कम हो जाती है.
इसके अलावा अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई भी बीमारी है तो भी आपको एक्सरसाइज के रूप में हर दिन थोड़ा वक्त निकाल कर यह खेल खेलना चाहिए. मानसिक दृष्टि से जो आदमी कमजोर महसूस कर रहे हैं उन्हें अपनी कमजोरी से निपटने के लिए इस खेल को खेलना चाहिए उनका आत्मविश्वास इस खेल को खेल कर जरूर बढ़ेगा ऐसा देखा गया है.
डिजिटल इंडिया पर निबंध
फुटबॉल खेलने से आपकी बॉडी सकारात्मक होती है. आपके अंदर नकारात्मक चीजें कम हो जाती है. आप की बुद्धि तेज हो जाती है. आजकल के खिलाड़ियों को फुटबॉल खेल से बहुत ज्यादा मदद हो रही है बल्ले वह सारे को मानसिक हो आर्थिक हो या फिर सामाजिक रूप से उन्हें देश में एक अलग स्थान मिल रहा है.
तो शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती पाने के लिए अपने बच्चों को इस खेल की लत जरूर लगाए. फुटबॉल खेलने वाले खिलाड़ियों को क्लब की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ियों को एक अलग ही स्थान मिलता है. पैसों के साथ-साथ उन्हें प्रतिष्ठा और इज्जत भी मिलती है. बड़ा खिलाड़ी बनने पर उसे शोहरत भी भी जरूर मिलती है
इंडिया में क्रिकेट के साथ-साथ फुटबॉल को भी बढ़ावा मेले ऐसा हर इंसान को सरकार को सोचना चाहिए. इससे देश का ही सम्मान बढ़ेगा. जो आज लोकप्रियता क्रिकेट को है काश अगले 20 सालों में फुटबॉल को भी मिले ऐसी आशा रखते हुए हमें बस इस खेल का आनंद लेना है.
इस खेल को बढ़ावा देना है. हमें आशा है कि आप अपने परिवार अपने माता पिता जी अपने बेटों को इस खेल को खेलने के लिए प्रोत्साहित करोगे. फुटबॉल खेल का आनंद लोगे.