Essay on My School in Hindi: आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि आप अपने स्कूल पर किस प्र हेलो हांकार 1000 शब्दों का निबंध लिख सकते हो. अगर कोई आपको आपके स्कूल पर भाषण देने के लिए कहता है तो इस भाषण को भी आप सबके सामने सुना सकते हो. तो चलिए शुरुआत करते हैं Essay on My School in Hindi.
जिंदगी में हर कोई अपने स्कूल पर निबंध लिखना पसंद करता है. सबके सामने स्कूल पर निबंध (Speech on my school) सुनाना पसंद करता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हमने आपके लिए 1000 वर्ड का मेरा स्कूल निबंध पेश किया है.
मेरा स्कूल पर निबंध – (Essay on My School in Hindi)
मेरा स्कूल एक शानदार और जानदार 4 मंजिला इमारत है. मेरा स्कूल गांव के बीच में है. मेरे घर से मेरा स्कूल लगभग 5 किलोमीटर दूर है. मुझे यकीन है मेरा स्कूल हमारे राज्य का सबसे बढ़िया स्कूलों में से एक स्कूल है.
मेरे स्कूल में सब कुछ है जिसमें प्रयोगशाला अत्याधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला एक कंप्यूटर रूम और पुस्तकालय भी मौजूद है. मेरा स्कूल रंगीन है. मेरे स्कूल में एक रंग भवन है जहां पर साल में सभी वार्षिक काम कार्यक्रम मीटिंग प्रतियोगिता और प्रार्थना होती है.
इसके अलावा मेरे स्कूल में एक प्राचार्य कार्यालय एक मुख्य कार्यालय स्टाफ के लिए एक कमरा तथा विद्यार्थियों के लिए वर्ग और सामूहिक एक कक्षा में मौजूद है. बच्चों के लिए पढ़ाई करें एक अच्छा सा माहौल मेरे स्कूल में है. इसी के साथ मुझे खेलने के लिए प्ले इन ग्राउंड और एक्सरसाइज करने के लिए व्यायामशाला मौजूद है.
स्कूल के अंदर और भी गेम खेलने के लिए जैसे कि चेस क्यारम स्केटिंग ऐसी गेम खेलने की सुविधा मेरे स्कूल में मिलती है. मेरे स्कूल के चारों तरफ से पेड़ पौधे लगाए गए हैं जिससे मेरे स्कूल को एक अलग ही पहचान मिलती है. पेड़ पौधों की सजावट कुछ इस तरह की गई है कि देखने वाला 2 मिनट ठहर कर जरूर देखता है.
इसी पेड़ पौधों की वजह से आज भी मौजूद है. मेरे स्कूल में 2000 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. मेरे स्कूल का पढ़ाई का तरीका अनोखा है. हमारे शिक्षक हर बच्चे को रचनात्मक और प्रगतिशील तरीके से पढ़ाने की कोशिश करते हैं. हमारे शिक्षक बहुत ही ईमानदारी और वफादारी के साथ हर बच्चे को पढ़ाने की कोशिश करते हैं.
बात करें मेरे स्कूल की तो यह सभी स्कूल की प्रतियोगिता में अव्वल स्थान पर आता है. सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम अलग-अलग स्कूल की प्रतियोगीता में हमारा स्कूल सबको पीछे छोड़ कर हमेशा ही पहले स्थान पर रहता है.
हमारा स्कूल सभी दिवस मनाता है जैसे कि गणतंत्र दिवस जयंती महोत्सव वार्षिक कार्यक्रम गांधी जयंती अंबेडकर जयंती स्वतंत्रता दिवस शिक्षक दिवस बाल दिवस और अन्य सभी वार्षिक कार्यक्रम में हमारा स्कूल भाग लेता है.
पढ़ाई के साथ-साथ हमारे यहां एनसीसी सीआरपी सेना भर्ती प्रशिक्षण इन सभी चीजों में भी हमारा स्कूल हमेशा आगे रहता है. प्यार के साथ-साथ हमारे यहां कठोर नियम भी है. अगर कोई स्कूल के नियम को तोड़कर दुर्व्यवहार और गलत काम करता है तो उसे उसके वर्ग शिक्षक के द्वारा दंड दिया जाता है.
हमारे यहां चरित्र निर्माण नैतिक शिक्षा शिष्टाचार संवेदनशीलता सर्वधर्म एकात्मता राष्ट्रीय एकात्मता इन सभी मूल्यों का शिक्षण, ज्ञान हमें हर दिन पढ़ाया जाता है. हमारे स्कूल में चारों तरफ हरियाली हरियाली मौजूद है जिसकी वजह से हमें कभी खेलते वक्त गर्मी का एहसास नहीं होता.
हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही विद्वान है. वह हर दिन हमें अच्छी बातें सिखाते हैं. हमारे यहां साफ सफाई का बड़ा ही ख्याल रखा जाता है. अगर कोई सफाई के नियम मोड़ता है तो उसे दंड के रूप में पूरा क्लास साफ करने के लिए कहा जाता है.
मेरे स्कूल में सभी चीजें अच्छी मिलती है. हम एक दूसरे के साथ मिल बैठकर सभी चीजें खाते हैं. हमको यही शिक्षा हर दिन पढ़ाई जाती है कि एक दूसरे के साथ मिल बैठकर ही सबका विकास होता है.
हम एक दूसरे का साथ स्पर्धा तो करते हैं लेकिन वह निजी तौर पर नहीं लेकर जाते. हर साल क्लास में पहला आने पर हमारे यहां बक्षिस मिलता है. हमारा स्कूल एक आदर्श विद्यालय के रूप में जाना जाता है जहां पर पढ़ाई करने के लिए हर कोई तरसता है.
स्कूल वहीं जहां पढ़ाई में मन लगता है खेलने में मन लगता है और सुबह हम उठते हैं तो हमें लगता है कि चलो स्कूल चले. स्कूल ऐसा होना चाहिए जहां पर बच्चे को लगना चाहिए कि हर दिन स्कूल में चली जाए.
मेरे स्कूल की शुरुआत सुबह 11:00 बजे चालू होती है. शुरुआत में हमारे यहां सब बच्चों को इकट्ठा कर कर उनसे प्रार्थना राष्ट्रगीत और भाव गीत बुलवाएं जाते हैं. उसके बाद हर बच्चा अपने अपने कक्ष में जाता है जहां पर पहला शारीरिक शिक्षण का क्लास होता है. इसके बाद वर्ग शिक्षक हमारे क्लास पर आते हैं और हमारी कक्षा चालू होती है.
हमें कल जो भी पढ़ाई करने के लिए कहा जाता है वह अगले दिन हमने पढ़ाई की कि नहीं यह सभी शिक्षक कठोरता से देखते हैं. दोपहर 1:00 हमारी छुट्टी हो जाती है यह छुट्टी लगभग 1 घंटे के लिए होती है. इसमें हम अपना टिफिन खाते हैं. टिफिन खाने के बाद हम खेल के मैदान में चले जाते हैं और वहां पर खेल खेलते हैं.
2:00 बजे हमारा फिर से क्लास चालू हो जाता है जो 3:30 बजे तक रहता है. इसके बाद हमें 15 मिनट और छुट्टी मिलती है जिसमें हम फिर से बाहर जाते हैं और हमारा मनोरंजन करते हैं.
3:45 हम फिर से क्लास में आ जाते हैं और हमारा क्लास 5:30 बजे छूट जाता है. जाने से पहले हमें कल के लिए होमवर्क मिलता है. कल हमारे वर्ग शिक्षक वह हमको होमवर्क हमने किया कि नहीं यह फिर से चेक करते हैं. हमारे यहां के प्राचार्य और शिक्षक गण बड़े ही मेहनती लोग हैं.
हम सभी बच्चे हमारे शिक्षक और प्राचार्य का हमेशा ही आदर करते हैं. हमारे विद्यालय मैं एक बड़ा ही खेल का मैदान है जहां पर हम हर दिन खो-खो क्रिकेट कबड्डी बैडमिंटन बास्केटबॉल इत्यादि खेल हम हर दिन खेलते हैं. हमारे यहां से हर साल कुछ गिने-चुने बच्चे राज्य स्तरीय जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं. हमारे स्कूल को गौरवान्वित करते हैं.
हमारे स्कूल के इसी मैदान के बाजू में जहां हमने लगाए हुए पौधे हर दिन खिलते हैं. इन पौधों पर लगे हुए फूल हमें हर दिन महक और ताजगी का एहसास महसूस कराते हैं. जब भी हम इस बगीचे में जाते हैं तो हमारा मन प्रसन्न हो जाता है.
हमारे विद्यालय में हमको संगणक प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसके लिए हमारे विद्यालय में एक्शन गणित कक्षा मौजूद है जहां पर पहले से लेकर नौवीं का क्लास के विद्यार्थी विद्यार्थीनी हफ्ते में दो बार संगणक प्रशिक्षण का क्लास लेते हैं.
विद्यालय में एक लाइब्रेरी भी मौजूद है जहां पर हम हर दिन एक किताब लेकर जाते हैं अच्छे-अच्छे किताबें पढ़ते हैं और उन किताबों से कुछ अच्छे गुण आत्मसात करते हैं. हमारे विद्यालय का रिजल्ट हमेशा ही अच्छा रहता है जिसके कारण हर माता पिता जी अपने बच्चों को हमारे विद्यालय में शिक्षा लेने के लिए आग्रही रहता है.
इन सभी कारणों की वजह से मेरा विद्यालय शहर का राज्य का एक जाना माना विद्यालय बन चुका है. विद्यालय की मेरिट और रेटिंग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इसके लिए प्राचार्य सभी शिक्षक वर्ग और सभी विद्यार्थी विद्यार्थिनी का इसमें अहम किरदार है. धन्यवाद.