Essay on Rashtrawad in Hindi : राष्ट्रवाद यानी अपने देश के प्रति प्रेम. अपने देश के प्रति समर्पण की भावना को ही राष्ट्रवाद कहलाए जाता है. राष्ट्रवाद सभी राष्ट्र के लोगों को एक साथ बांधने में काम आता है. इसमें लोग एक दूसरे के साथ भाषा, जातीयता, संस्कृति और परंपरा के साथ एकजुट रहकर राष्ट्रीय एकात्मता का संदेश पूरे जगत को देते हैं.
हमें सिखाया जाता है की जिस भी देश में हम रहते हैं हमें उससे प्यार करना चाहिए. जो भी देश के हित में हो, जो भी राष्ट्र के हित में हो हमें वह स्वीकार करना चाहिए. क्योंकि राष्ट्र की तुलना हम हम अपनी मां से करते हैं. (राष्ट्रवाद पर निबंध)
जिस प्रकार एक माता जी माता पिता अपने बच्चों का संगठन करते हैं, उसी तरह राष्ट्र भी एक परिवार होने के नाते अपने बच्चों का मतलब हम सभी का संगोपन करने का काम करता है. राष्ट्र में रहने वाले नागरिक का यह दायित्व है कि, वह देश के हित में सोचें. एक राष्ट्र अपने नागरिकों के सभी लगने वाले संसाधनों को एकजुट कर के उसे मुहैया कराता है. (राष्ट्रवाद पर भाषण)
Essay on Rashtrawad in Hindi – राष्ट्रवाद पर निबंध
सबसे ऊपर राष्ट्र होता है उसके बाद हमारी निजी जिंदगी. अगर कोई अपने जातीयता में, अपने संस्कृति में, अपने धर्म में अटका हुआ है. लेकिन जब भी बात आती है अपने राष्ट्र को बचाने के लिए तब सभी धर्म सभी जाति सभी पंत के लोग एकजुट रहकर सामने आते हैं और अपने राष्ट्र के लिए लड़ते हैं. सभी लोग अपने मतभेद भुलाकर देश के हित में जो भी अच्छा होता है वही करने के बारे में सोचते हैं. यही असली राष्ट्रवाद है.
उदाहरण के तौर पर जान लेते हैं. अगर एक राष्ट्र में अलग-अलग जातियों के अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं. उनमें आपस में मतभेद होते हैं. लेकिन अगर कोई शत्रु राष्ट्र हमारे राष्ट्र पर आक्रमण करता है. ऐसे में हम अपनी निजी शत्रुता भूलाकर सब एकजुट आकर उस दूसरे राष्ट्रों पर हमला कर देते हैं. ऐसे में हम अपनी शत्रुता को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रवाद को पहला स्थान देते हैं और अपने राष्ट्र के हित में सोचते हैं.
राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जो सभी लोगों को एक साथ जोड़ती है. जब भी बात आती है हमारे सैनिकों को प्रोत्साहन देने की तो सभी वर्ग के लोग एकजुट रहकर हमारे राष्ट्र को बचाने वाले सैनिकों के पीछे खड़े रहते हैं. राष्ट्रवाद यानी की निष्ठा जो देश को एक दूसरे के साथ संवेदनशील बनाती है. विभिन्न अस्मिता के ऊपर जो खड़ा रहता है वह राष्ट्रवाद होता है.
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एक नागरिक के लिए राष्ट्रवाद मतलब अपने देश के प्रति अपना पूर्ण समर्पण देना है. राष्ट्रीय एकता के साथ हर इंसान को दूसरे इंसान के साथ मिलकर अपने राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए प्रयास करना है. जिन भी मुद्दों पर हमारी आपस में नहीं बनती लेकिन पूरे जग में वही मुद्दे पर बहस होने लगे तो पूरा राष्ट्र एक होकर अपने राष्ट्र के समर्थन में खड़ा होता है.
जब राष्ट्र को एक करने की बात आती है, तो इन्हीं मुद्दों का आगे लेकर नागरिकों को एकजुट किया जाता है. हम जिस राष्ट्र में रहते हैं हमें उससे प्यार होना चाहिए. तभी राष्ट्रीय एकात्मता, राष्ट्रवाद की भावना आपके मन के अंदर खिलेगी. अभी के समय में राष्ट्र के सभी लोगों को एक करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं लगता.
राष्ट्रीय एकात्मता का संदेश राष्ट्र के हित में देने के लिए बस एक डिजिटल माध्यम की जरूरत होती है. जहां पर आप कोई भी संदेश डालो तो आपका पूरा राष्ट्र एकजुट होकर सामने वाले राष्ट्र से लड़ने के लिए तैयार रहता है.
संगीत पर निबंध
ऐसा देखा गया है कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति जब होती है तो उसकी राष्ट्रीय एकात्मता काफी मजबूत होती है. पूरे राष्ट्र के लोग एकजुट होकर काम करते हैं. तभी तो एक राष्ट्र आगे बढ़ता है. तो राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए आपके अंदर राष्ट्रवाद की भावना होनी जरुरी है.
अंत में यही कहेंगे की, राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जो लोगों को धर्म, जाति, प्रांत का विचार न करते हुए देश के हित के बारे में सोचना है. हमेशा राष्ट्र के हित में सोचें क्योंकि जिस राष्ट्र में आपका जन्म हो चुका है आपका दायित्व है कि इस राष्ट्र को आपकी तरफ से कुछ समर्पित करें. यही असली राष्ट्रवाद है.