Essay on village life vs city life in hindi

शहरी जीवन बनाम ग्रामीण जीवन : ग्रामीण जीवन और शहरी जीवन एक राष्ट्र के दो अलग पहलू है. शहरी जीवन और ग्रामीण जीवन में कुछ समानता है तो कुछ चीजें अलग है. लोगों का जीवन जीने का तरीका दोनों तरफ से अनोखा लगता है. कुछ चीज है शहरी जीवन जीने के लिए अच्छी लगती है, लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि हमें ग्रामीण जीवन ही अच्छा है. ( Essay on village life vs city life in hindi )

शहरी जीवन और ग्रामीण जीवन के अपने-अपने कुछ अलग और सकारात्मक पहलू है. इसी के साथ साथ दोनों के नकारात्मक भी पहलू है. दोनों जीवन एक दूसरे के साथ कुछ बातों में सामने रखते हैं, किसी के साथ कुछ विभिन्न पहलू भी दोनों क्षेत्रों में दिखाई देते हैं. (शहरी जीवन बनाम ग्रामीण जीवन पर निबंध)

Essay on village life vs city life – (शहरी जीवन बनाम ग्रामीण जीवन)

Essay on village life vs city life

अगर बात करें हम भारत की तो भारत राष्ट्र हमेशा ही ग्रामीण राष्ट्र के रूप में जाना जाता है. गांधी जी ने कहा था अगर हमारे राष्ट्र का विकास होना चाहिए तो शहर के लोगों को गांव गांव जाकर अपने राष्ट्र को बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए. यही बात ध्यान में रखते हुए गांधी जी ने असली भारत गांव में ही बसता है ऐसी संकल्पना सबके सामने रख दी थी.

शहर के मुताबिक गांव का वातावरण काफी अच्छा रहता है. यहां पर होने वाली सभी कार्यक्रम त्यौहार को सभी लोग एकजुट होकर मनाते हैं. इसकी दूसरी तरफ अगर आप शहर में कोई भी त्यौहार मनाते हो तो, आपके साथ जुड़ने वाले लोगों की संख्या सीमित रहती है.

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गांव में जब त्यौहार होता है तो सभी गांव वाले इकट्ठा होकर उस त्योहार को मनाते हैं. गांव में निष्ठा परंपरा और सद्भावना अभी भी मौजूद है ऐसा दिखाई देता है. इन त्योहारों में खासकर होली पोंगल, दशहरा, दिवाली, बैसाखी, ईद, क्रिसमस आदि त्योहारों में सभी लोग गांव में इकट्ठा होते हुए दिखाई देते हैं. इसके विपरीत शहर में अगर कोई त्यौहार होता है तो उस मोहल्ले के अलावा अन्य लोग उसमें समावेश किए हुए दिखाई नहीं देते.

अगर बात करें हम कोई भी सुख हो कोई भी दुख हो गांव वाले हमेशा उस आदमी के पीछे खड़े रहते हैं. इसके विपरीत अगर आप शहर में रहते हो तो आपके सुख और दुख में आपके साथ सिर्फ आपका परिवार ही खड़ा रहता है. अगर आप एक मोहल्ले में ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता चुके हो तो वह मोहल्ले के कुछ लोग जो आपको जानते हैं वह आपके साथ खड़े रहते हैं.

गांव की जीवन शैली हो कुछ और होती है वहीं शहर की जीवन शैली में भी कुछ खूबियां और कुछ कमियां जरूर होती है. अगर आपको खुद का विकास करना है तो आपको शहर की तरफ जाना जरूरी है. अगर आप चाहते हो कि, आप एक अच्छा खासा जीवन व्यतीत करें जिसमें पैसा तो मिलेगा लेकिन वह जितनी जरूरत होगी उतना ही मिलेगा लेकिन इसके साथ-साथ आप एक अच्छा स्वास्थ्य और एक सुखी परिवार के साथ जीवन व्यतीथ करना चाहते हो तो आपको गांव में ही रहना अच्छा होगा.

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एक परिवार को गांव में सभी गांव वाले जानते हैं पहचानते हैं, लेकिन इसके विपरीत शहर में आओ अगर आप एक मोहल्ले में रहते हो तो आपको कोई नहीं पहचानता. क्योंकि आप एक सोसाइटी में रहते हो जहां आपकी जीवनशैली कुछ लोगों के बीच तक ही रहती है.

गांव में घरों की सजावट कुछ ऐसे तरीके से होती है कि आप पूरा मोहल्ला पूरा गांव घूम सकते हो. गांव में एक प्राकृतिक सुंदरता होती है, जिसे देख कर आपका मन हमेशा ही प्रसन्न रहता है. खेतों में, झाड़ियों में चारों तरफ फूल बगीचे से सजाया हुआ गांव हो तो आपको हमेशा वहां हमेशा ताजगी भरा मौसम दिखाई देता है. ग्रामीण जीवन में हरे भरे खेत खलियान पक्षियों की आवाज चारों तरफ सादगी भरा मौसम यही तो असली गांव की पहचान है.

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लेकिन दुर्भाग्यवश आपको गांव छोड़ कर नौकरी की तलाश में पैसे कमाने की खोज के लिए शहर आना पड़ता है. क्योंकि गांव में पैसा कमाने के संसाधन बहुत ही कम होते हैं. यहां ज्यादातर लोग शेती और खेती से जुडे व्यापार करके अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीते हैं.

इसके विपरीत आप शहर में आकर आप कोई भी जगह आसानी से काम ढूंढ सकते हो. काम कर के आप अच्छे खासे पैसे बना सकते हो. लेकिन पैसे बनाने के चक्कर में आप अपनों से दूर हो जाते हो. अभी के जमाने में गांव भी शहर के मुताबिक आगे बढ़ चुका है. अभी के समय में गांव में भी बिजली-पानी, सड़के, टेलीफोन, कंप्यूटर, शिक्षा, और कॉलेजेस आदि सुविधाएं मौजूद है.

एक तरह से हम कह सकते हैं कि, अभी के समय में हर गांव शहर बन चुका है. आपको शहर में जो भी सुविधा दिखाई देती है वह अब के समय में गांव में मौजूद है. गांव के किसान ने भी अब के समय में अपने आप को आधुनिक बनाने के साथ-साथ खेती में भी खुद को कृषि यांत्रिकीकरण की मदद से बदल दिया है.

पहले के जमाने में होने वाली खेती और अब के जमाने में होने वाली खेती में भारी बदलाव आया है. पहले के जमाने में होने वाली खेती बैलों की आधार पर की जाती है. अब के समय में होने वाली खेती यांत्रिकीकरण की मदद से होने लगी है.

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गांव में भी बहुत सी परेशानी होती है जिसमें से प्रमुख परेशानी यह है कि गांव में खेत को लेकर हमेशा ही एक दूसरे के साथ झगड़ा होता है. कई बार प्रेम विवाह की वजह से भी गांव में झगड़े होते रहते हैं. पैसों की कमतरता की वजह से गांव में विकास का भाव दिखाई देता है.

गांव के लोगों को अभी भी अपना माल बेचने के लिए केले शहर जाना पड़ता है. यही बिक्री के लिए उन्हें गांव में कोई स्थान मिल जाए तो उनकी आय बढ़ सकती है. वहीं दूसरी तरफ शहर के लोगों को गांव से आए हुए सब्जियां फल बहुत जरूरी होते हैं, क्योंकि शहर में खेती नहीं की जा सकती. ऐसे में उन्हें चारों तरफ से गांव पर ही निर्भर रहना पड़ता है.

अभी भी आप शहर में जिस प्रकार की शिक्षा ग्रहण कर सकते हो उस प्रकार की शिक्षा आप गांव से हासिल नहीं कर सकते. हम चाहते हैं कि, हमारा गांव शहर के मुताबिक आगे बढ़े जो भी सुविधा हमें शहर में मिलती है, वह हमारे गांव में मिले. ऐसा होने पर ही हमारा राष्ट्र आगे बढ़ेगा. क्योंकि यहां अधिकतर लोग अभी भी ग्रामीण भाग से आते हैं.

जब ग्रामीण भाग के लोग ताकतवर बनेंगे तभी राष्ट्र आगे बढ़ेगा. गांव के साथ-साथ शहरों का विकास होना जरूरी है. अंत में यही कहेंगे अगर गांव और शहर दोनों एक साथ आगे बढ़े और दोनों ने मिलजुल कर एक दूसरे का साथ दिया तभी हमारा राष्ट्र आगे बढ़ेगा.

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