रंगा हुआ सियार – नकलीपण का अंत जानना चाहते हो तो इस कहानी को पढ़ो (Ranga Hua Siyar story in hindi)
रंगा हुआ सियार – हिंदी स्टोरी
एक घने जंगल में एक सियार रहता था. किसी जंगल में सियार एक पेड़ के नीचे रहता था. एक दिन अचानक पेड़ गिरने की वजह से सियार को बहुत जोर से चोट लगी. अगले कुछ दिन तक सियार अपने मांद में से बाहर नहीं निकल सकता था. उसको बहुत जोर से भूख लग रही थी. खाना ढूंढने के लिए वह अपनी मांद से बाहर निकला. बाहर निकलते ही लंगड़ाते पैर के साथ वह शिकार करने के लिए जंगल में घूमता रहा.
उसे भी पता था कि, वह हिरन या उससे ताकतवर प्राणियों की अभी शिकार नहीं कर सकता. इसलिए उसने छोटे प्राणियों को पकड़ने का निर्णय लिया. सबसे पहले उसने खरगोश को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह इतना कमजोर हो चुका था कि उसे खरगोश भी हाथ नहीं लगा. उसके बाद उसने बटेर को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भी उसको झांसा देकर निकल गया.
उसके सामने हिरण था. लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई कि हिरण को पकड़ा जाए. उसके दिमाग में योजना आई की क्यों ना मुर्गियों का शिकार करें. इसके लिए पास वाले गांव में उसको जाना था. वह जल्दी से पास वाले गांव में चला गया. उसने मुर्गियां ढूंढने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे वह भी नहीं मिली.
रंग में भंग
जैसे ही कुत्तों ने उसे देखा. वह उसके पीछे पड़ गए. कुत्तों से जान बचाने ते हुए वह एक घर में घुस गया. जहां पर एक डिब्बा रखा हुआ था. वह उस डिब्बे के अंदर गिर गया. डिब्बा पूरा हरा रंग से भरा हुआ था.
कुछ देर बाद जब कुत्तों ने भोकना बंद कर दिया तब तक वह रंग से पूरा भीग चुका था. वह डिब्बे से बाहर आया तो उसका असली रंग गायब हो चुका था. अब वह पूरा हरा दिख रहा था. रंग सूख जाने के बाद उसे कोई नहीं पहचान पा रहा था कि, वह एक सियार है.
वह वैसे ही जंगल में घुस गया. जंगल में उसका रंग अनोखा था. जो भी जानवर उसे देखता था डर कर भाग जाता था. एक-दो दिन ऐसे ही चलता रहा. सियार भी परेशान हो गया था कि, कोई भी जानवर उसे डर कर भाग क्यों रहा है.
यही नहीं अन्य सीआर भी उसे देखकर भागते थे. उसे यकीन हुआ था कि, उसके शरीर में कुछ बदलाव आए हैं. इसी कारण से वन्य जीव उसको देख कर डर रहे हैं.
मूर्ख बातूनी कछुआ
उसने मौके का फायदा उठाने का निर्णय लिया. वह एक बड़े पत्थर पर चल गया और उसने सभी प्राणियों को वहां पर बुलाया. बुलाने के बाद उसने सबसे कहा कि, मुझे ब्रह्मा जी ने यह रूप दिया है. मैं आप सब की सेवा कर सकूं. ब्रह्मा जी साक्षात प्रकट होकर में मुझको कहते हैं कि, तुम प्राणियों के राजा बनो और सभी प्राणी जगत का कल्याण करो.
सभी प्राणियों को भी ऐसा लगा कि, सच में ब्रह्मा जी ने रंगीले सियार को वरदान दिया है. इसलिए सभी प्राणी और पंछी उस दिन से रंगीले सियार की सभी बातें मानने लगे. शेर, हाथी, या अन्य कोई भी जानवर हो ओ रंगीले सियार से डरने लगे.
एक दिन रंगीला सियार अपने मांद में खाना खाकर सो रहा था. तभी नजदीक के जंगल में से कुछ सियार चांद की तरफ देख कर आवाज करने लगे. यह आवाज सुनकर रंगीले सियार को भी अपने आप पर काबू ना रहा. वह भी चांद की तरफ देख कर चिल्लाने लगा.
जंगल में सियार की आवाज सुनकर उसके आसपास रहने वाले और मौजूद शेर और चीते ने उसकी यह आवाज सुनी. उन्हें पता चला कि इस सियार ने हम को बेवकूफ बनाया है. जैसे उन्हें पता चला कि यह एक सियार है उन्होंने उसका तुरंत सफाया कर दिया.
सीख – चोरी और नकली पन ज्यादा दिन तक छुपते नहीं है एक ना एक दिन सबके सामने आ जाते हैं.