Top 10 Moral Stories in Hindi : किसी ने क्या खूब कहा है अगर आपको जिंदगी में रास्ता नहीं मिले तो एक-एक कदम बस चलते रहे रास्ता खुद ना खुद बन जाएगा.
आज के इस आर्टिकल में हम बात टॉप 10 मोरल स्टोरीज वह भी हिंदी भाषा में जिसे सुनकर अगर आप जिंदगी से हार चुके हो फिर से उठना और खड़ा होना चाहते हो. तो यह स्टोरीज आपके मनोबल बढ़ाने मैं काम आएगी.
Top 10 Moral Stories in Hindi
यह 10 स्टोरीज आपको किसी भी हालात में खड़े रहने की ताकत देगी. उसी के साथ अगर आप खुद को अकेला महसूस कर रहे हो. या किसी परिस्थिति से पार पाने की कोशिश कर रहे हैं. इन हालात में कैसे आप धैर्य से सभी चीजों का सामना कर सकते हो.
Moral Story in Hindi No. 1:
एक क्रूर राजा था. उसने अपनी प्रजा से लूटमार के खजाना इकट्ठा किया. वह प्रजा पर अत्याचार कर रहा था. लूटा हुआ खजाना कहां छुपाए यह राजा के सामने बहुत बड़ी समस्या थी.
उसने एक जंगल में एक सुनसान जगह पर एक तहखाना बनवाया. इस टाइम आने का रास्ता और चाबी सिर्फ दो लोगों को ही पता थी पहला था राजा खुद और दूसरा था राजा का भरोसेमंद मंत्री.
तहखाना दिन-प्रतिदिन हीरे और जवाहरात सोना चांदी पैसों से भर रहा था. कभी राजा तो कभी मंत्री तहखाना के निरीक्षण करते थे.
ऐसे ही कई दिन बीत गए. 1 दिन राजा के मन में अचानक सा आया चलो तहखाने को देख लेते हैं. जैसे राजा तहखाने में चला गया उधर पड़े रत्न जवाहरात हीरे सोने चांदी देखकर वह खुद को सबसे अमीर समझने लगा. राजा ऐसा विचारी कर रहा था तभी वहां से वही मंत्री निकला जिसके पास तहखाने की दूसरी चाबी थी.
उसने देखा की दरवाजा तो खुला है. उसे कुछ समझ नहीं आया. उसने किसी बात का विचार ना करते हुए दरवाजा बंद कर दिया और घर चला गया. राजा ने मन भर कर हीरे जवाहरात सोने चांदी देख लिए. अब वह घर जाने के लिए दरवाजे की तरफ आया.
उसने देखा कि दरवाजा तो बंद हो गए हैं. उसने बहुत कोशिश की लेकिन वह दरवाजा नहीं खोल सका. राजा को क्या करें यह समझ नहीं आ रहा था. उसने बहुत कोशिश की वह चिल्लाया लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी.
राजा को अब समझ आ रहा था कि उसकी मौत सामने खड़ी है. उसी समय उसे यह भी ज्ञात हुआ कि चाहे कितने भी दौलत में क्यों न हो उसे आज बचा नहीं सकती. कई दिन तक राजा अंदर ही घुट घुट कर मर ता रहा. मरने से पहले उसने हीरे जमीन पर फेंक दिए और अपने खून से एक पत्थर पर संदेश लिख दिया.
उधर मंत्री ने कई दिन तक राजा की खोज की लेकिन उससे भी वह नहीं मिला. उसने भी सोचा राजा तो अब नहीं रहा उसका खजाना वापस लाते हैं. तो वह चाबी लेकर खजाने की तरफ चला गया. जैसे उसने दरवाजा खोला उसे सामने राजा की लाश मिली.
दीवार पर एक चीज़ लिखी थी. हम जिंदगी में खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ ही जाएंगे. हमें यही सोचना है कि हम जिए कैसे और कम से कम बुरे काम करते हुए ज्यादा से ज्यादा अच्छे काम कैसे किए जाए.
Moral Story in Hindi No. 2:
स्टोरी बताने से पहले आपसे एक बात कहता हूं. जिंदगी में कभी भी किसी एक पर निर्भर ना रहे. और जिंदगी में हद से ज्यादा किसी और के ऊपर भी निर्भर ना रहे.
यह स्टोरी है एक गाय की जो जंगल में भटक गई थी. घास खाते-खाते कब वह जंगल में चली गई उसे पता भी नहीं चला. शाम होने वाली थी. गाय रास्ता ढूंढ रहे थे लेकिन उसे रास्ता नहीं मिल रहा था. उसने जंगल से बाहर जाने का लेकिन वह रास्ते का पता लगाने में असफल रही थी.
चलते-चलते उसको ऐसा लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है. पीछे से शेर उस गाय की तरफ आ रहा था. गाय को शेर उसके पीछे मौजूद है इसकी भनक लग गई थी. उसे पता था अगर उसने पीछे मुड़कर देखा तो वह शिकार हो जाएगी.
वह सीधी चलती रही. सामने उसे एक तालाब दिखा. शेर ने सोचा जैसे ही गाय तालाब में उतरेंगे मैं उसका शिकार कर लूंगा. अब गाय के पास भागने के लिए दूसरा रास्ता नहीं था. गाय को भी पता था जैसे ही वह तालाब में उतरेगी उसका शिकार हो जाएगा लेकिन उसने सोचा वह और कर भी क्या सकती है.
वह धीरे-धीरे तालाब में उतरने लगी. तालाब में थोड़ा सा ही पानी था बाकी सब कीचड़ था. कीचड़ की वजह से गाय तालाब में फंस गई. जैसे ही शेर को यह बाद दिखाई दिए वह भी तालाब की तरह दौड़ा चला आया.
फसी हुई गाय को देखकर वह भी तालाब में घुस गया और वह भी कीचड़ में फंस गया. अब दोनों में थोड़ा सा अंतर बाकी था. गाय ने शेर से कहा क्या तुम्हें कोई बचा सकता है?
इस पर शेर ने कहा मैं तो जंगल का राजा हूं किसी को मुझे बचाने की जरूरत नहीं है. गाय ने बड़ी नम्रता से कहा मुझे तो ढूंढता हुआ एक आदमी जरूर आएगा जो मुझे बचा लेगा. गाय ने जैसे कहा था बिल्कुल वैसा ही हुआ गाय का मालिक गाय को ढूंढते हुए जंगल में आ पहुंचा.
उसने शेर को भी देखा और गाय को भी देखा. उसने डरते हुए गाय को कीचड़ से बाहर निकाला और अपने साथ घर ले कर चला गया. गाय और मालिक के मन में था कि शेर को भी बचाया जाए लेकिन अगर शेर को बचाया जाता तो वह उन्हें खा जाता.
इससे हमें यही सीख मिलती है कि हमें किसी भी हालत में विनम्रता से विचार विनिमय करके निर्णय लेना है. हमें शेर की तरह आक्रोश कर कर या गुस्सा करके आपका कुछ जीवन में होने वाला नहीं है.
Moral Story in Hindi No. 3:
यह कहानी है एक इंसान की जो 30 साल का हो चुका था. एक सेठ के यहां नौकरी करता था. उसका जीवन में कोई नहीं था उसके मां पिता जी गुजर गए थे. वह घर में अकेला ही रहता था.
वह हर दिन खुद के लिए खाना बनाता था. एक दिन उसने खाने में खुद के लिए एक सब्जी और तीन चपाती बनाई. वह नहाने के लिए चला गया लेकिन तब तक तीन में से एक चपाती गायब हो चुकी थी.
दूसरे दिन भी ऐसा ही हुआ उसमें खाने के लिए रोटी बनाई, तो उसमें से एक रोटी गायब थी. लड़के को कुछ समझ नहीं आ रहा था लेकिन उसने चोर को पकड़ना ठान लिया था.
अगले दिन उसने रोटी बनाई और रोटी जहां रखी थी वहां अपनी निगाहें बनाए रखें. तो उसे पता चला कि एक चूहा हर दिन रोटी लेकर भाग रहा है.
उसने चूहे को पकड़ लिया. उसने चूहे को कहा अरे मैं अपने लिए तीन रोटी बना था और उसमें से तुम एक रोटी लेकर जाते हो. मेरी हालत इतनी खस्ता है कि मैं तीन रोटी अभी नहीं बना सकता.
इस पर चूहा कहता है. अरे मैं तो अपने नसीब का लेकर जा रहा हूं तुम्हारे लिए तो दो रोटी रखी है.
लड़के ने कहा लेकिन तुम मेरे नसीब की रोटी क्यों लेकर जा रहे हो. इस पर चूहे ने कहा तुम्हारी यह सभी प्रश्नों के उत्तर एक ही इंसान दिए सकता है और उनका नाम है गौतम बुद्ध.
लड़का गौतम बुद्ध से मिलने के लिए निकल पड़ा रास्ता बहुत ही लंबा था इसलिए अपने सेठ से चार-पांच दिन की छुट्टी निकाली.
1 दिन चलने के बाद वह शाम को एक जगह रुका. वहां उसने शरण मांगी. एक महिला ने उसे शरण दी और उससे पूछा कि तुम कहां जा रहे हो. उसने कहा मैं गौतम बुद्ध से मिलने जा रहा हूं. इस पर महिला ने कहा अगर तुम उनसे मिलने जा रहे हो तो मेरे एक सवाल का जवाब उनसे लेकर आओ.
महिला ने कहा मेरी एक बेटी है जो पिछले 15 साल से नहीं बोली. आप सिर्फ गौतम बुद्ध से यही सवाल करना कि वह कब बोलेगी.
लड़का वहां से आगे निकला. आश्रम में जाने का रास्ता बहुत ही बड़ा था. तभी उसे एक जादूगर मिला. जादूगर तपस्या कर रहा था. उसने जादूगर से कहा रास्ता बहुत लंबा है मुझे गौतम बुद्ध से मिलना है क्या आप मुझे कोई मदद कर सकते हैं.
जादूगर ने कहा कर सकता हूं लेकिन मेरे एक सवाल का जवाब उनसे लेकर आना. लड़के का ठीक है. जादूगर ने कहा हजारों साल से यहां दिन रात एक कर के तपस्या कर रहा हूं. बस एक ही चाहत है स्वर्ग का रास्ता सुनना चाहता हूं वह अभी तक नहीं मिला गौतम बुद्ध से पूछिए मुझे स्वर्ग का रास्ता कब मिलेगा. लड़के ने कहा ठीक है.
जादूगर ने छड़ी घुमाई और लड़के को पहाड़ से पार करवा दिया.
अब लड़के का रास्ता कम हो चुका था. वह मैदानी इलाका में पहुंचा था. वह चलता रहा सामने उसे एक नदी मिली. लड़के के सामने फिर से परेशानी आई. अब वह सोचने लगा इस नदी को कैसे पार किया जाए. तभी उसे वह एक कछुआ नजर आया.
उसने कछुए से मदद मांगी. कछुए ने अपने पीठ पर बिठाकर उसे नदी पार करवा दी. नदी के पार करने पर कछुए ने लड़के से पूछा कहां जा रहे हो. तो लड़के ने कहा गौतमबुद्ध से मिलने जा रहा हूं. कछुए ने कहा मैं 500 सालों से यहां पर इस नदी में हूं. मैं कछुए का कछुआ ही रहा मुझे ड्रैगन बनना है. आप उनसे पूछ लीजिए मैं ड्रैगन कब बनूंगा.
तीनों लोगों के सवाल लेकर अंततः लड़का गौतम बुद्ध के आश्रम में पहुंच चुका था. आश्रम में कार्यक्रम चल रहा था. कार्यक्रम खत्म होने के बाद गौतम बुद्ध ने आए हुए लोगों को सवाल पूछने के लिए कहा. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि हर कोई इंसान सिर्फ तीन ही सवाल पूछ सकता है.
लड़के के सामने आप फिर से परेशानी खड़ी हो चुकी थी. वह सोच रहा था कि किस के सवाल को त्याग दें. उसने तीनों सवालों को मन में याद किया. पहला उसने सोचा उस मां के बारे में जो अपनी बेटी के लिए परेशान है. दूसरा उसने जादूगर के बारे में सोचा जो स्वर्ग जाना चाहता है. और तीसरा उस कछुए के बारे में जो सोचा जैसे ड्रैगन बनना है.
लड़के ने सोचा मैं तो एक अच्छी खासी जिंदगी जी रहा हूं मेरा सवाल इतना जरूरी नहीं है जितना कि इन तीन लोगों का सवाल जरूरी है.
उसने निर्णय लिया कि मैं तीन सवाल पूछ लूंगा. मेरा सवाल कभी और दिन पूछ लूंगा. उसने गौतम बुद्ध से पहला सवाल पूछा की एक मां है जो अपनी बेटी के लिए सवाल कर रही हैं. वह पूछ रही है कि उसकी बेटी 20 साल से नहीं बोली वह कब बोलेगी. गौतम बुद्ध ने जवाब देते हुए कहा जैसे उसकी शादी होगी वह बोल पड़ेगी.
लड़के ने दूसरा सवाल पूछा एक जादूगर है जो हजारों साल से तपस्या कर रहा है. वह जानना चाहता है कि वह स्वर्ग कब जाएगा. गौतम बुद्ध ने जवाब देते हुए कहा जिस दिन वह अपनी जादू की छड़ी का इस्तेमाल करना छोड़ देगा उस दिन वह स्वर्ग चला जाएगा.
लड़के ने तीसरा सवाल पूछा, एक कछुआ है जो 500 सालों से एक ही तालाब में तैर रहा है. वह जानना चाहता है कि वह ड्रैगन कब बनेगा. गौतम बुद्ध ने सवाल का जवाब दिया कि जिस दिन वह अपने पीठ पर मौजूद कवच उखाड़ देगा उस दिन वह ड्रैगन बन जाएगा.
लड़का थोड़ा निराश था क्योंकि वह खुद का सवाल नहीं पूछ सकता था. तीनों लोगों ने पूछे हुए सवालों के जवाब लेकर वह वापस चला गया.
रास्ते में उसे कछुआ मिल गया. उसने कहा गौतम बुद्ध ने कहा है जैसे आप अपने पीठ पर मौजूद कवच उखाड़ दोगे उस दिन से आप ड्रैगन बन जाओगे. कछुए ने तुरंत ही अपना कवच निकाल दिया.
जैसे ही कवच निकाला अंदर से मोती दिखाई दिए. कछुआ अब ड्रैगन बन चुका था. उसने मोती भेंट में लड़की को दे दिए.
वहां से वह जादूगर की तरफ निकल पड़ा. उसने जादूगर को कहा गौतम बुद्ध ने कहा है जैसे आप छड़ी का इस्तेमाल करना छोड़ दोगे आप स्वर्ग सिधार जाओगे.
जादूगर ने भी तुरंत स्वर्ग जाने के लिए वह जादुई छड़ी लड़के को बैठ कर दी. लड़का वह जादुई छड़ी लेकर उस महिला के पास गया जहां पर वह ठहरा था.
उसने महिला को कहा, जैसे ही आपके बेटे की शादी होगी वह बोलना चालू कर देगी. महिला ने कहा ऐसा है तो आप ही मेरी बेटी के साथ शादी कर लो. महिला ने तुरंत ही अपनी बेटी की शादी उस बेटे से कर दी.
अब लड़की के जीवन में तीनों चीजें मौजूद थी. जिसमें उसको धन, परिवार और ताकत मौजूद थी. इससे हमें जीवन में यही सबक मिलता है की, अगर हम दूसरों की खुशी देखते हैं तो हम भी खुश रह सकते हैं. दूसरा यह कि, हमें जीवन में कोई भी चीज त्याग के बिना नहीं मिलती. यदि आप जीवन में किसी चीज का त्याग करते हो तो उसके बदले में भगवान आपको कुछ ना कुछ अच्छा जरूर देता है.
Real-life inspirational stories in Hindi (15+ Stories)